Thursday, 27 October 2011

बाधाओं को राह बना ले...

अंधेरों में तू 
इरादों का दिया जला ले.
तुफानो से लड़ ,
हौसलों को ढाल बना ले.
राह में लाख बाधाएँ आ जाएँ,
हिम्मत से बढ़ ,
बाधाओं को ही राह बना ले.


...ज़िद है...




साहिल पे रेत का घर बना के ,
लहरों से रिश्ता बनाने की ज़िद है.

चाँद को तकिया बना के,
सूरज को बिछाने की ज़िद है.

देखते हैं तासीर हम भी,
 अपने इरादों की.

हमको तो तकदीर से भी
टकराने की ज़िद है.

ख्वाबों पे भरोसा तो रख...



अपनी  किस्मत से ज़्यादा
तू खुद पे भरोसा तो रख.
आसमा पे कदम रखने का
तू इरादा तो रख.
ज़मी के ज़र्रे को
फ़लक का चाँद बना देगा वो,
तू अपने ख्वाबों पे भरोसा तो रख.

हौसला रखते हैं जो...



हौसला रखते हैं जो कूदने का आँग में ,
वही तो तप के सोने सा खरा बनते है.
तराशे जाते हैं जब तेज़ धार चाक़ू से,
तभी हीरे भी सूरज सा यूं चमकते है.

Saturday, 22 October 2011

उजालों के दरिये बहुत हैं...



ज़िन्दगी में दुःख दर्द आते बहोत हैं.
मगर ज़िन्दगी की तमन्ना बहुत है.
हुआ जो अँधेरा है राहों में तेरी
तो आगे उजालों के दरिये बहुत हैं.

...चाह...

हर इंसान की एक चाह होती है.
हर मंजिल की एक राह होती है.
राह भले कठिन हो मगर........
सच्चे इरादों से हर मुश्किल आसान होती है.

 

Monday, 3 October 2011

हौसलों की रौशनी ...

ख्वाहिशों के दिए दिल में जलाये बैठे हैं.
एक ख़्वाब आँखों में सजाये बैठे हैं.
राह में काँटे भी हैं और अँधेरे भी,
हम भी हौसलों की मशाल
हाँथों में उठाये बैठे हैं....



motivate yourself....